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जन्मदिन पूजा समारोह: लागत, विधि और लाभ (Birthday Puja Vidhi)
On the day of the birthday, after waking up in the morning and taking bath, first of all thank
जन्मदिवस के दिन प्रातः कालीन उठ करके स्नान आदि से निवृत होने के बाद सर्वप्रथम ईश्वर का धन्यवाद करते हुए,
ओ3म् उप प्रियं पनिपनतं युवानमाहुतिवृद्धम्। अग्नं विभ्रतोनमो दीर्घमायुः कृणोतु मे,
Oh God! Just as the fire of Yagya is gaining upward speed after offering sacrifices in it, Oh God, similarly grant me a long life. Give me good health in life. Give me good health. May I attain a hundred years of age by praying to you while remaining healthy in life,
And. The purpose of celebrating birthday is to pray to God to give up bad habits and adopt good deeds.
हे परमात्मा! जिस भांति यज्ञ की अग्नि में आहुति डालने पर अग्नि ऊर्ध गति को प्राप्त हो रही है। हे ईश्वर इसी भांति मुझे दीर्घायु को प्रदान कीजिए। जीवन में अच्छा स्वस्थ्य प्रदान कीजिये। निरोगता दीजिए। जीवन में स्वस्थ रहते हुए आप की स्तुति प्रार्थना करते हुए सौ वर्ष की आयु प्राप्त करूं,
एवं। दुर्गुणों को त्यागने व सत्कर्मों को अपनाने के लिए प्रभु से प्रार्थना करना ही जन्मदिवस मनाने का उद्देश्य है|
जन्म दिन मनाने कि विधि
जिस दिन जन्म दिवस हो प्रसन्नता पूर्वक अपने माता-पिता एवं अन्य बड़े जनों के साथ मिलकर आचार्य के साथ ईश्वर स्तुति-प्रार्थना उपासना की यज्ञविधि एवं स्वस्तिवाचन व शंतिकरण के मन्त्र स्वर सहित बोलें और दैनिक यज्ञ के साथ निम्न मन्त्रों की आहुतियाँ दें|
जीवेम शरदः शतम्
हम सौ सालों तक जीयें।
बुध्येम शरदः शतम्
हम सौ वर्षों तक बुद्धिमान बने रहें।
रोहेम शरदः शतम्
हम सौ वर्षों तक पुष्ट रहें।
भवेम शरदः शतम्
सौ वर्षों तक बने रहें।
भूयेम शरदः शतम्
सौ वर्षों तक पवित्र बने रहें।
भूयसीः शरदः शतात्
सौ वर्षों तक ऐसी कल्याणकारी बातें होती रहें।
ओ३म् इंद्र जीव सूर्य जीव देवा जीवा जीव्यासमहम्|
सर्वमायुर्जीव्यासम्||
~अथर्ववेद-19.70.1
भावार्थ- हे परम ऐश्वर्यवान देव!! आप हमें श्रेष्ठ जीवन दो| हे सूर्य! हे देवगण! आपकी अनुकूलतापूर्वक मैं दीर्घजीवी होऊं|
ओ३म् आयुषायुः कृतां जीवायुष्मान जीव मा मृथाः|
प्राणेनात्मन्वतां जीव मा मृत्योरुदगा वशम् ||
~अथर्ववेद-19.27.8
ओ३म् शतं जीव शरदो वर्धमानः शतं हेमन्तान्छतमु वसन्तान|
शतमिन्द्राग्नी सविता बृहस्पतिः शतायुषा हविषेमं पुनर्दुः||
~ऋग्वेद -10.161.4
भावार्थ- हे ! मनुष्य तू श्रेष्ठ कर्म व संयम धारण करके सौ वर्षों तक जीने का प्रयास कर | विद्युत, अग्नि, सूर्य, बृहस्पति आदि से समुचित सहयोग लेकर सौ वर्ष तक जीवनधारण कर,
ओ३म् सत्यामाशिषं कृणुता वयोधै कीरिं चिद्ध्यवथ सवेभिरेवैः|
पश्चा मृधो अप भवन्तु विश्वास्तद रोदसी शृणुतं विश्वमिन्वे||
~अथर्ववेद-20.91.11
भावार्थ- हे विद्वानों..!! आपका ‘आयुष्मान भवः’ का आशीर्वाद सत्य हो! आपके मार्ग का अनुसरण करने वाले की रक्षा आप ज्ञान देकर करते हो| आपके मार्गदर्शन में चलने वालों के सब दोष नष्ट हो जाते हैं| इसलिए हे श्रेष्ठ स्त्री-पुरुषों!! आप हमें वेदोक्त शिक्षा दो|
ओं जीवास्थ जीव्यासं सर्वमायुर्जीव्यासम ||1||
ओं उपजीवा स्थोप जीव्यासं सर्वमायुर्जीव्यासम ||2||
ओं सं जीवा स्थ सं जीव्यासं सर्वमायुर्जीव्यासम ||3||
ओं जीवला स्थ जीव्यासं सर्वमायुर्जीव्यासम ||4||
~अथर्ववेद-19.69.1-4
इसके बाद यज्ञ-प्रार्थना व शांतिपाठ के बाद सभी वरिष्ठ जन पुष्प वर्षा के संग निम्न शब्दों से आशीर्वाद दें……
त्वं जीव शरदः शतं वर्धमानः| आयुष्मान तेजस्वी वर्चस्वी श्रीमान् भूयाः ||
जन्मदिन हवन सामग्री
1- देसी घी 500 ग्राम
2- जौ 100 ग्राम
3- काला तिल 100 ग्राम
4- गूगल 100 ग्राम
5- फल
6- फूल ,माला कुछ खुले फुल आशीर्वाद हेतु
7- मिठाई
8- एक सूखा नारियल ड्राई फूड वाला गोला पूर्णाहुति के लिए, एव एक जटा वाला नारियल जिसमें पानी हो,
9- धूपबत्ती, माचिस
10- कपूर,दही, शहद, आम का पत्ता
घर का सामान
1- चार कटोरी ,चार चम्मच
2- एक लोटा
3- चार प्लेट
4 -एक दीपक
5 – एक बड़ा कटोरा।
6 – माचिस।
7-हवन कुंड
8-समिधा
9-हवन सामग्री
10-रोली
11-मोली